डीआरआर के लिए राष्ट्रीय मंच
भारत सरकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विभिन्न रुचियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों सहित केंद्र और राज्य सरकारों और हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ आपदा प्रबंधन में निर्णय लेने की एक सहभागी प्रक्रिया को विकसित करने की आवश्यकता महसूस है।
तदनुसार, भारत सरकार ने दिनांक 26 फरवरी, 2013 के संकल्प द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए एक बहु-हितधारक और बहु-राष्ट्रीय मंच (एनपीडीआरआर) का गठन किया और विभिन्न हितधारकों की व्यापक भागीदारी के लिए 17 जनवरी, 2017 को संकल्प संख्या 47-31/2012-डीएम-III के द्वारा संशोधित किया। एनपीडीआरआर के अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री हैं और आपदा प्रबंधन के प्रभारी राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय एनपीडीआरआर के उपाध्यक्ष हैं। एनपीडीआरआर के अन्य सदस्य 15 कैबिनेट रैंक मंत्री, उप-अध्यक्ष, नीति आयोग, प्रत्येक राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश जो आपदा प्रबंधन के विषय से संबंधित है, स्थानीय स्वसाशन और संसद के प्रतिनिधियों, पदेन सदस्यों, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के प्रमुखों, उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों, मीडिया प्रतिनिधियों, नागरिक सोसाइटी संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि हैं। एनपीडीआरआर इस प्रकार एक प्रक्रिया द्वारा चिन्हित करता है जो आपदा जोखम न्यूनीकरण के क्षेत्र में बात-चीत, अनुभव, दृष्टिकोण, विचारों, अनुसंधान और कार्रवाईयों की वर्तमान निष्कषों को साझा करने और आपसी सहयोग के लिए असवरों का पता लगाने में सुविधा युक्त बनाता है।
एनपीडीआरआर की पहली बैठक 13-14 मई, 2013 को नई दिल्ली में ‘’विकास में डीआरआर को मुख्य धारा में लाना: जोखिम से समुत्थानशीलता तक’’ विषय पर आयोजित की गई थी। इसका आयोजन कार्रवाई के लिए ह्योगो रूपरेखा के कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने और आपदा जोखिम न्यूनीकरण में वैज्ञानिकों, चिकित्सकों के संसाधनों का एक पूल बनाने के उद्देश्य से किया गया था।
एनपीडीआरआर की दूसरी बैठक 15-16 मई, 2017 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ‘’सतत् विकास के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण: भारत को 2030 तक प्रतिरोधी बनाना’’ विषय पर आयोजित की गई थी। बैठक में आकस्मिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, आपदा जोखिम प्रबंधन पर प्रधान मंत्री के 10-सूत्री एजेंडा और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई रूपरेखा (एसएफडीआरआर) के एकीकृत कार्यान्वयन, पैरिस जलवायु करार और सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) में इसकी प्रासंगिकता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधान मंत्री के 10 सूत्री एजेंडा दूसरी एनपीडीआरआर, 2017 की सिफारिशों के रूप में उभरा।
तीसरी राष्ट्रीय मंच पर अब ‘’आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मुख्य धारा में लाना’’ विषय पर निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ आयोजित करने का प्रस्ताव है
- विकासात्मक योजना और क्रॉस कटिंग मुद्दों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मुख्य धारा में लाना।
- के बाद की तीन वैश्विक रूपरेखा डीआरआर अर्थात् एसडीजी एसएफडीआरआर और सीओपी21 के बीच समन्वय।
- प्रतिरोधी निर्माण के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण में शासन और सामाजिक समावेशी।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री के 10 एजेंडा के बारे में राज्यों और अन्य हितधारकों की कार्रवाई की रणनीति और कार्य-योजना पर चर्चा करना।